सीबीईसी के चेयरमैन नजीब शाह ने गुरुवार (8 दिसंबर) को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद भविष्य में इस प्रणाली के तहत कर स्लैब को घटाने पर विचार कर सकती है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के प्रमुख शाह ने कहा कि इस प्रणाली के तहत प्रापत राजस्व व राज्यों को मुआवजा भुगतान का विश्लेषण के बाद जीएसटी परिषद इस बारे में फैसला कर सकती है। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद यह उद्योग जीएसटी की प्रस्तावित दरों में कटौती की मांग कर रहा है। प्रस्तावित स्लैब 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत के हैं।

शाह ने कहा कि केंद्र व राज्यों को अप्रत्यक्ष करों से फिलहाल 8 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं जिनमें सीमा शुल्क शामिल नहीं है। जीएसटी प्रणाली के तहत भी इतनी ही राशि में कर आना चाहिए। शाह ने यहां एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि कर स्लैब में किसी भी बदलाव के बारे में राजस्व के आकलन के बाद ही फैसला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में ‘जीएस परिषद को पूरी छूट है।’ केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने नवंबर में चार स्लैब वाले ढांचे पर सहमति जताई थी। सरकार जीएसटी को अगले साल अप्रैल से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।