हिंदी अखबार दैनिक जागरण के ऑनलाइन एडिटर शेखर त्रिपाठी को आचार संहिता का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया गया है। गाजियाबाद पुलिस ने सोमवार (13 जनवरी) रात को उन्हें गिरफ्तार किया। साथ ही लखनऊ और दिल्ली में संपादकों के ठिकानों पर छापेमारी भी की। पुलिस ने जागरण न्यू मीडिया सीईओ सुकीर्ति गुप्ता, जागरण इंग्लिश ऑनलाइन के डिप्टी एडिटर वरुण शर्मा और डिजीटल हैड पूजा सेठी के घरों पर छापे मारे। इससे पहले चुनाव आयोग के आदेश पर पुलिस ने त्रिपाठी, अखबार के मैनेजिंग एडिटर और सर्वे करने वाली संस्था आरडीआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव के बाद एग्जिट पोल प्रकाशित करने का आरोप है।
चुनाव आयोग ने पहले चरण के 15 जिला निर्वाचन अधिकारियों को सर्वे करने वाली संस्था ‘रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और दैनिक जागरण के मैनेजिंग एडिटर, एडिटर इन चीफ, एडिटर या चीफ एडिटर के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था। आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल के मतदान बाद किये गये सर्वेक्षण के नतीजे का एक हिंदी दैनिक द्वारा प्रकाशन करना ‘‘जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा अनुच्छेद 126ए और बी का स्पष्ट उल्लंघन है और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत चुनाव आयोग के कानून संबंधी निर्देशों का जानबूझकर पालन नहीं करना है।’’
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्राप्त शक्तियों के तहत चुनाव पैनल ने मतदान बाद किये जाने वाले ऐसे सर्वेक्षणों के प्रकाशन और प्रसारण पर पाबंदी लगा रखी है ताकि इसके परिणाम मतदाताओं को प्रभावित ना कर सकें। वहीं इस बारे में दैनिक जागरण अखबार की ओर से कहा गया कि उत्तर प्रदेश के एग्जिट पोल के बारे में खबर अनजाने में उसकी अंग्रेजी वेबसाइट पर प्रकाशित हो गई थी और समूह के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी मिलते ही फौरन इसे हटा दिया गया था।
एक बयान में अखबार ने कहा, ‘‘ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि सिवाय अंग्रेजी डिजिटल माध्यम के एग्जिट पोल से जुड़ी कोई भी खबर दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित नहीं हुई। अंग्रेजी वेबसाइट पर एग्जिट पोल का जिक्र करते हुए अनजाने में एक खबर प्रकाशित हो गई। हालांकि, जैसे ही समूह के बड़े अधिकारियों के संज्ञान में ये खबर आई, गलती का खुद ही सुधार करते हुए इसे फौरन हटा दिया गया। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह अनुपालन करते हैं और चुनाव आयोग के सामने अपनी स्थिति साफ करने के लिए हम तथ्य आधारित विस्तृत जवाब दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं।’’

