दीपा करमाकर ने रियो ओलंपिक में जब जिमनास्टिक के फाइनल में छलांग लगाई और सफलतापूर्वक जमीन पर लैडिंग की तो उन्होंने न सिर्फ करोड़ों भारतीयों बल्कि पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। वह ओलंपिक में जिमनास्टिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थीं और उन्होंने जिस ‘प्रोडूनोवा वॉल्ट’ जिसे ‘वॉल्ट आॅफ डेथ’ भी कहते हैं, को सफलतापूर्वक पूरा किया था उसे उनसे पहले दुनिया की सिर्फ चार जिमनास्ट्स ही पूरा करने में सफल रही हैं।

रियो आलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली अमेरिका की जिमनास्ट सिमोन बिल्स के शानदार परफॉरमेंस के कारण करमाकर आखिरी क्षणों में मेडल से वंचित रह गई थीं। लेकिन, सिमोन ने दीपा के ‘प्रोडुनोवा वॉल्ट’ परफॉर्मेंस को देखा था और उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकी। जब सिमोन से पूछा गया कि उन्होंने इस वॉल्ट में हिस्सा क्यों नहीं लिया तो उनका जवाब था, ‘मैं मरने के लिए प्रयास नहीं करना चाहती थी।’ बाद में सिमोन बाइल्स ने दीपा से मुलाकात के दौरान कहा कि इस घातक वॉल्ट का नाम ‘करमाकर वॉल्ट’ होना चाहिए।

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दीपा करमाकर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान सिमोन बाइल्स से हुई अपनी बातचीत के बारे में खुलासा किया। उन्होंने कहा, ‘वह विजेता जिमनास्ट हैं, मुझे रियो में उनसे मिलने का मौका मिला। वह अतुलनीय हैं और कोई दूसरा जिमनास्ट उनकी बराबरी करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। उन्होंने मुझसे कहा कि प्रोडुनोवा वॉल्ट का नाम ‘करमाकर वॉल्ट’ होना चाहिए। उनकी इस बात से मैं बहुत खुश हो गयी थी। मैने अपने आप से कहा, ‘मैं इतनी मेहनत करूंगी कि एक दिन जिमनास्टिक में मेरे नाम पर भी किसी वॉल्ट का नाम रखा जाएगा।’

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