Lunar Eclipse 2019: 28 जुलाई को सदी का सबसे बड़ा चंद्र गहण लगने वाला है। चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण आते ही इसे देखने के लिए कई गाइड लाइन्स बना दी जाती हैं। हर कोई अलग-अलग बातें कहता है कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसके साथ इसे देखने से होने वाले कई नुकसानों के बारे में भी बताया जाता है कि ग्रहण देखने से आंखों की रोशनी पर फर्क पड़ता है, धुंधला दिखाई देता है या फिर धुंधलापन हमेशा के लिए रह जाता है।
आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन से आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते है, जिस वजह से आखों में विजन – इशू यानि देखने में दिक्कत हो सकती है। इसे रेटिनल सनबर्न भी कहते हैं। ये परेशानी कुछ वक्त या फिर हमेशा के लिए भी हो सकती है। लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान ऐसा नहीं होता, इस दिन चांद को खुली आंखों से देखने से कोई नुकसान नहीं होता।
सूर्य ग्रहण की तरह आपको इसे चश्मों के साथ देखने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि आप चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं। वहीं, सूर्य ग्रहण को खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों से देखने की सलाह दी जाती है जिन्हें सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस कहा जाता है।
आप चाहे तो खुले मैदान या फिर पास के किसी पार्क में जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं। सिर्फ चश्मे ही नहीं इस ग्रहण को देखने के लिए आपको किसी भी तरह से खास आंखों को प्रोटेक्ट करने वाले साधन की ज़रूरत नहीं है। इस दौरान सूर्य ग्रहण की तरह कुछ ऐसी किरणें नहीं निकलती हैं, जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं इसलिए इस ग्रहण को खुली आंखों से देखने में कोई दिक्कत नहीं है।
हालांकि भारत में लोग इसके बावजूद ग्रहण के समय बाहर निकलने से बचते हैं। बदलते समय में फिर भी लोग सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करने के लिए बाहर निकलने लगे हैं।