SC Granted Bail AAP Vijay Nair: आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी है। नायर को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले आप नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता को जमानत मिली थी।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि अगर विजय नायर को इतने लंबे समय तक हिरासत में रखा जाएगा तो जमानत नियम और जेल अपवाद का नियम पूरी तरफ से फेल हो जाएगा। बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता का अधिकार सभी को है और सख्त प्रावधान वाले मामलों में भी इसका पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि विजयर नायर करीब 23 महीने से हिरासत में है।

विजय नायर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दी दलील

विजय नायर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिघंवी ने कहा कि उनका मामला दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। सिंघवी ने बताया कि सिसोदिया मामले में कोर्ट ने आप नेता को मुकदमे में देरी के आधार पर राहत दी थी और कहा कि यह नायर पर भी लागू होगा। सिघंवी ने बताया कि ईडी बहुत सारे गवाहों से पूछताछ करेगी और इसमें बहुत ज्यादा टाइम लगेगा।

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सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही 672 दिन हिरासत में बीता चुका है। उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में पीएमएलए मामले में जमानत देने का हवाला दिया था। इतना ही नहीं सिघंवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, जो लोग इस मामले में मास्टरमाइंड थे उनको पहले ही जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि ईडी ने नायर को केवल एक खिलाड़ी बताया था।

एएसजी राजू ने जमानत का किया विरोध

विजय नायर की जमानत का विरोध करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज थे और उनका घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। राजू ने कहा कि फिर भी उन्हें लाइसेंस पाने वालों से रिश्वत लेने के लिए बिचौलिए के तौर पर फंसाया गया। उन्होंने कहा कि उनका मामला पीएमएलए की धारा 45 के तहत नहीं आएगा। एएसजी राजू ने कहा कि वे देरी कर रहे हैं और फिर जमानत लेने के लिए अनुच्छेद 21 का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने बीआरएस नेता के कविता के मामले से भी तुलना करने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद मेटेरियल से पता चलता है कि दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया है और उसके 12वें बयान ने विजय नायर को फंसाया है। बेंच ने कहा कि ईडी ने 9 शिकायतें दर्ज की थी और इस दौरान आरोपी को लगभग 23 महीने के लिए हिरासत में रखा। वहीं इसके लिए अधिकतम सजा केवल सात साल है। बेंच ने कहा कि ईडी ने बीते साल अक्टूबर को भरोसा दिया था कि आठ महीने में मामला पूरा हो जाएगा, लेकिन उसने 40 लोगों को आरोपी बनाया है और करीब 350 गवाहों से पूछताछ की जानी है। बेंच ने कहा कि मनीष सिसोदया के फैसले की जल्दी सुनवाई के अधिकार का भी जिक्र किया।