अगस्त 2017 में यूपी के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई बच्चों की मौत के मामले में डॉ कफील खान गिरफ्तार हुए थे। उनकी मुश्किलें अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कफील ने बताया कि उनके ऊपर लगे आरोपों की वजह से उनके परिवार को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि कफील खान गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (BRDMC) में बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर काम करते थे। द टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कफील का दावा है कि उन्होंने यूपी सरकार के सीनियर अधिकारियों और सीएम योगी आदित्यनाथ को 25 से ज्यादा लेटर लिखे, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। कफील के मुताबिक, वह चाहते हैं कि या तो उनका सस्पेंशन खत्म किया जाए या फिर उन्हें नौकरी से टर्मिनेट किया जाए।

कफील खान अपनी जिंदगी और मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे पर बनी फिल्म की स्क्रीनिंग के मौके पर कोलकाता पहुंचे थे। स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने बदतर होती स्वास्थ्य सेवाओं पर लेक्चर भी दिया। कफील ने बताया, ‘मुझे सस्पेंड किए गए 2 साल के करीब वक्त हो चुका है। मेरे पास आमदनी का कोई साधन नहीं है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे अपने परिवार के लिए कमाने का मौका मिलना चाहिए।’ कफील के मुताबिक, उनके पास काफी जमीनें हैं और उन्होंने उसे कम कीमत पर बेचने की कोशिश भी की, लेकिन उनसे कोई खरीदना नहीं चाहता। कफील का कहना है कि कोई उनसे रिश्ते नहीं रखना चाहता।

बता दें कि यूपी सरकार ने कफील खान और आठ अन्य को कम से कम 60 बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया था। दरअसल, 10 अगस्त को मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन पहुंचाने वाली कंपनी ने 68 लाख रुपये के बकाए की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी। उन्हें उसी साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया। अप्रैल 2018 में बेल मिलने से पहले उन्हें करीब 8 महीने जेल में गुजारने पड़े।