नोएडा अथॉरिटी की सीईओ और आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए नियमों की अनदेखी करने वाला बताया। इसके साथ उनकी याचिका पर फौरन सुनवाई से मना करने के अलावा उन्हें अंतरिम राहत देने से साफ इंकार कर दिया। दरअसल, माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना के एक मामले में सुनवाई करते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर जामनती वारंट जारी किया था, जिसमें उन्हें 13 मई तक अदालत में पेश होना था। इस ममाले की माहेश्वरी ने सुप्रीमकोर्ट से तुरंत सुनवाई कर राहत देने की अपील की थी।
जानकारी के अनुसार, माहेश्वरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर जामनती वारंट के खिलाफ अपने दो बच्चों की परवरिश का हवाला दे राहत मांगी थी। इस पर सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट की अवमानना की तो अब तो परिणाम भुगतना ही होगा। आप एक आईएएस अधिकारी हैं आपको नियम का पता है लेकिन आप नियमों का पालन क्यों नहीं करते हैं।
आगे सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के बार- बार याचिका दाखिल करने पर कहा कि यह एक दिनचर्या सी हो गयी है। कोई न कोई अधिकारी रोज गंभीर मामलों में भी अधिकारी कोर्ट से राहत मांगने चले आते हैं। हम रोज इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामलों पर सुनवाई करेंगे तो फिर कैसे काम चलेगा। आप लोग कोर्ट का सम्मान नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में पेश होने का आदेश दिया था। इसकी जिम्मेदारी नोएडा के सीजेएम को दी थी। इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर अदालत का समय 10 बजे का है तो आपको 10:30 बजे फ्लाइट नहीं पकड़नी है। अदालत आपके हिसाब से नहीं चलेगी।
बता दें, एक ममाले में सुनवाई के दौरान 4 मई को माहेश्वरी इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेश होना था। इस पर नोएडा अथॉरिटी के वकील राहुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि माहेश्वरी ने सुबह 10 बजे फ्लाइट पकड़ी है, जिस पर कोर्ट ने काफी नाराजगी व्यक्त की और कहा उन पर अब अदालत की अवमानना का केस बनता है। फिर उनके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वांरट जारी कर दिया।
