Happy Rang Panchami 2018: आज 6 मार्च को देशभर में रंग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व होली के 5 दिन बाद मनाया जाता है। रंग पंचमी को होली का आखिरी पर्व माना जाता है क्योंकि देश भर में होली का पर्व करीब एक महीने पहले अलग-अलग ढ़ंग से मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास की कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है। यह पर्व महाराष्ट्र में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह पर्व मध्यप्रदेश और गुजरात के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन पूरे शहर में जुलूस निकाला जाता है और नाच गाने का कार्यक्रम होता है।
रंग पंचमी मनाने के पीछे मान्यता है कि जब इस दिन रंगों को एक-दूसरे को लगाया जाता है और गुलाल को हवा में उड़ाया जाता है तो इससे देवी-देवता आकर्षित होते हैं। इस पर्व से जुड़ी ऐसी आध्यात्मिक मान्यता है कि इस दिन वातावरण में उड़ते हुए गुलाल व्यक्ति के सात्विक गुणों में अभिवृद्धि करते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है।
क्या है रंगपंचमी- फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के बाद अगले दिन सभी लोग रंगों से खेलते हैं। रंगों का यह पर्व चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिए इसे रंग पंचमी कहा जाता है। यह पर्व कोकण क्षेत्र का खास त्यौहार है महाराष्ट्र में तो होली को ही रंग पंचमी कहा जाता है। कहा जाता है इस दिन एक-दूसरों को रंग लगाया जाता है। साथ ही गुलाल हवा में उड़ाया जाता है। जिसके कारण देवता आकर्षित होते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इससे ब्रह्मांड में पॉजिटिव एनर्जी का संयोग बनता है। इसलिए इस पर्व को देवताओं के रंगों से भरे आशीर्वाद के रूप में भी देखा जाता है।


