Shani Sade Sati, Dhaiya And Dasha Sign: शनिदेव सूर्य भगवान और उनकी पत्नी छाया के पुत्र माने जाते हैं। इन्हें कर्म फलदाता की उपाधि प्राप्त है। ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की महादशा के समय व्यक्ति को उसके किये गये कर्मों का ही फल मिलता है। यानि अच्छे कर्मों का अच्छा फल तो बुरे कर्मों का बुरा फल। वैसे तो कुंडली देखकर शनि की महादशा का पता लगाया जा सकता है लेकिन कुछ लक्षणों के होने पर भी ये समझ आ जाता है कि शनि की साढ़े साती, ढैय्या या शनि की दशा चल रही है।

यदि आपकी हथेलियों का रंग बदल रहा है। हाथ की रेखाओं में कहीं नीलापन और कहीं कालापन नजर आ रहा है या इस रंग के धब्बे नजर आने लगें तो समझ लीजिए कि शनि का प्रकोप आप पर शुरू हो गया है। शनि के कमजोर होने पर माथे की चमक गायब हो जाती है और माथे पर कालापन सा नजर आने लगता है। इसके अलावा शनि की दशा के समय आंखों के नीचे कालापन, गालों पर कालापन, नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं।

घर-परिवार में आपका लगातार क्लेश हो रहा है खासकर शनिवार के दिन या आपको अत्याधिक गुस्सा आना शुरू हो गया है तो हो सकता है आप पर शनि की दशा चल रही हो। ऐसे में अपनी कुंडली दिखाकर उपाय कर लें। शनि के विपरीत होने पर हर किसी से विवाद होता है। बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं। किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। दुश्मनों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। लोग आपकी बातों का गलत मतलब लेने लगते हैं। हर वक्त बेवजह मानसिक तनाव होते हैं। शरीर की ऊर्जा शक्ति खत्म होने लगती है। इन सभी लक्षणों से शनि की महादशा का पता चलता है।

शनि की महादशा के समय व्यक्ति की खान-पान की आदतें बदल जाती हैं। जैसे अचानक से तीखा, कड़वा, मांसाहारी भोजन काफी पसंद आने लगता है। नशे करने की तरफ रुचि बढ़ने लगती है। व्यवहार में अंतर आने लगता है। जूते चप्पल टूटने या फिर खोने लगते हैं। खर्चों की अधिकता हो जाती है।

शनि के विपरीत होने पर कमर दर्द और आंखों के रोग होने लगते हैं। व्यापार में लगातार हानि होने होती है। शरीर में आलस्य भर जाता है। जीवनसाथी से संबंध खराब होने लगते हैं। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगने लगते हैं। बेवजह के कंलक लगने का खतरा रहता है। कर्ज उतारना मुश्किल हो जाता है। लोग आपकी निंदा करने लगते हैं। ये सब चीजें शनि के कुप्रभाव के कारण हो सकती हैं।